हरियालो राजस्थान: कृषि सखियों ने किया सघन पौधारोपण
प्राकृतिक खेती पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न
साठ कलस्टर में प्राकृतिक खेती को मिलेगा बढ़ावा: 120 कृषि सखी, 7500 किसान व 6 बीआरसी प्राकृतिक खेती के लिए चयनित
बीकानेर, 25 जुलाई। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के क्रम में राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन योजना के तहत 5 दिवसीय कृषि सखी प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन शुक्रवार को हुआ।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की मंशानुरूप हरियालो राजस्थान के तहत कृषि सखियों ने कृषि विज्ञान केन्द्र परिसर में सघन पौधारोपण किया। इस दौरान अधिकाधिक पौधारोपण लगाने की शपथ ली।
संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) कैलाश चौधरी ने बताया कि प्राकृतिक खेती स्वस्थ मृदा-समृद्ध किसान की परिकल्पना पर आधारित है। हाल ही में प्राकृतिक खेती को राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के रूप में लिया गया है। प्राकृतिक खेती रसायन मुक्त खेती है, जिसमें किसान अपने खेत पर उपलब्ध संसाधनों का समुचित उपयोग कर, देशी पशु से प्राप्त गोबर-गोमूत्र की सहायता से प्राकृतिक खेती करता है। प्राकृतिक खेती में किसी भी स्तर पर रसायन का उपयोग नहीं किया जाता है। प्राकृतिक खेती पूर्णत: स्थानीय जैव विविधता को सुरक्षित रखते हुए जीरो बजट पर आधारित खेती है। प्राकृतिक खेती के तहत किसान स्वयं के खेत पर उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करते हुए जीवामृत, बीजामृत, पंचगव्य, ब्रह्मास्त्र, अग्नाशास्त्र, वर्मीवास का उपयोग करते हुए प्राकृतिक खेती करते हैं। प्राकृतिक खेती से मृदा स्वास्थ्य सुधरता है एवं उर्वरकता स्तर बढ़ने के साथ मिट्टी में लाभदायक जीवाणुओं की संख्या में वृद्धि होती है।
उद्यान विभाग के सहायक निदेशक मुकेश गहलोत ने बताया कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के तहत राज्य स्तर पर कुल 1हजार 800 क्लस्टर का आवंटन किया गया है। वहीं बीकानेर जिले को 60 क्लस्टर में 7 हजार 500 किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ते का लक्ष्य प्राप्त हुआ है।
उन्होंने बताया कि 60 कलस्टर में प्रति कलस्टर 2 कृषि सखी (सीआरपी) का चयन स्थानीय स्तर पर गांव में किया गया है।
इस दौरान उन्होंने बताया कि चयनित 120 कृषि सखी के प्रथम बेंच की 60 कृषि सखी सीआरपी को 05 दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया है।
कृषि अधिकारी रामनिवास गोदारा ने बताया कि प्राकृतिक खेती कार्यक्रम के तहत 6 बायो इनपुट रिसोर्स केंद्र का चयन किया जाएगा। प्रति केंद्र एक लाख रुपए की राशि 50-50 हजार की दो किश्तों में स्वीकृत की जाएगी। कार्यक्रम समन्वयक सहायक कृषि अधिकारी विनोद सिंह ने बताया कि चयनित कृषि सखी को प्रति माह 5 हजार रूपए मानदेय विभाग द्वारा दिया जाएगा। साथ ही मोबाइल के लिए एकमुश्त 4 हजार रुपए की राशि भी स्वीकृत की जाएगी।
केवीके वैज्ञानिक डॉ. भगवती ने बताया कि कृषि सखी सीआरपी अब अपने अपने क्लस्टर में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देगी, चयनित 125 किसान प्रति दो सीआरपी को प्रशिक्षित करेगी।
इस दौरान कृषि सखियों ने अपने अनुभव साझा किए। सहभागी कृषि सखी सीआरपी को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर कृषि विभाग अधिकारी गिरीराज चारण, जयपाल पूनिया, अशोक रोझ, पूजा, नवाचारी किसान हड़मान दास स्वामी व अन्य किसान उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सहायक निदेशक मुकेश गहलोत ने किया।
