मानदेय पूरा नहीं मिलने से राशन विक्रेताओं में आक्रोश है। गांवों से लेकर शहरों तक प्रदेशभर में राशन डिपो बंद पड़े है। इससे राशन भोगी उपभोक्ताओं को परेशानी उठानी पड़ रही है। डिपो होल्डर एक अगस्त से हड़ताल पर उतर गए हैं। आज पांचवें दिन भी राशन डीलरों ने भीख मांग कर विरोध दर्ज करवाया।
राजस्थान राशन डीलर संघर्ष समिति के बैनर तले रैली निकालकर कलक्टर को ज्ञापन दिया।प्रदेश उपाध्यक्ष घनश्याम आचार्य ने बताया कि जब तक मांगे नहीं मानी जाती है, हड़ताल जारी रहेगी। वहीं राशन विक्रेता आनंद ओझा,भगवान दास छंगाणी, राम कुमार व्यास ने बताया कि डिपो होल्डरों को हर महीने 30 हजार रुपए तक मानदेय मिलना चाहिए। गेहूं पर 2 प्रतिशत छीजत दी जानी चाहिए। यह मांग लंबे समय से उठा रहे है, लेकिन कोई हल नहीं निकल रहा है। इसके परिणाम स्वरूप यह हड़ताल की गई है।
डिपो होल्डरों की मांग है कि मानदेय बढ़ाने के साथ ही 5-6 माह से राशन विक्रेता का केंद्र सरकार व राज्य सरकार की और से अटका कमीशन जारी किया जाना चाहिए। साथ हीआधार सीडिंग की राशि, प्रवासी योजना के तहत वितरण कराए गए गेहूं का कमीशन और ई-केवाईसी का सीडिंग का मेहनताना भी दिया जाए. इसके साथ ही उन्होंने बुजुर्ग और दिव्यांग उपभोक्ताओं को डोर-टू-डोर राशन पहुंचाने वाले आदेशों को हटाने की मांग की है।
