खेजड़ी बचाओ पर्यावरण बचाओ संघर्ष समिति द्वारा जिला कलक्टर मुख्यालय के आगे विगत 7 दिनों से चलाए जा रहे अनिश्चितकालीन धरने में आज अनेक संगठनों के पदाधिकारियों,वृक्ष प्रेमियों के बाद पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी ने धरना स्थल पर पहुंचकर अपना समर्थन दिया। इस मौके पर भाटी ने कहा कि दुख का विषय है कि विगत दो महीनों से यहां के पर्यावरण प्रेमियों के मुखर विरोध के बावजूद सोलर कंपनियों द्वारा अपनी लीज पर ली गई जमीनों में जिला प्रशासन की सह से गुंडो के माध्यम से राज्य वृक्ष खेजडियों की जबर्दस्ती क टाई करवाई जा रही है।
अब तक हजारों पेड़ों को काटा जा चुका है।जिला कलेक्टर महोदया को रोज लिखित अर्जी दे रहे हैं, लेकिन वे माकूल कानूनी कार्रवाई करने की बजाय मात्र उन पत्रों को डाकिए की तरह मुख्यमंत्री को भेज भर रही है। जीव रक्षा संस्था बीकानेर के अध्यक्ष मोखराम धारणियां ने कहा कि सर्व समाज के पर्यावरण प्रेमियों को इक_ा कर यहां महापंचायत भी बुलाएंगे।बिश्नोई समाज जागृति मंच के संस्थापक सुरेश कुमार विश्नोई ने कहा कि जब तक पेड़ों की कटाई रोकने हेतु सौ रुपए जुर्माने के बेकार कानून को नहीं बदला जाएगा।और सोलर कंपनियां की बाउंड्री में आए खेजड़ों को सुरक्षित नहीं किया जाएगा, तब तक हम इस धरने को जारी रखेंगे।भ्रष्टाचार विरोधी मोर्चा के अगवा नरेंद्र सिंह राजावत ने कहा कि इन खेजडियों की कटाई रूकवाने में सर्वाधिक जुम्मेवार जिला कलेक्टर का कानून विरोधी रवैया बहुत ही चिंताजनक व गैर जिम्मेदाराना है। खेजड़ी इस मरुभूमि के जीवन का मुख्य आधार है। इस तरह खेजडियों की अंधाधुंध कटाई का अन्य कारण संबंधित अफसरों की कंपनियों से मिलीभगत और भ्रष्टाचार है। यदि इस धांधली को शीघ्र ही नहीं रोका गया तो 50 डिग्री से अधिक पार होने वाली भीषण गर्मी हमारा जीना मुहाल कर देगी।एडवोकेट विनोद शर्मा ने कहा कि सरकार एक तरफ तो मां के नाम पर पेड़ लगाने का कह रही है। और दूसरी और पूर्वजों द्वारा प्रयत्न पूर्वक लगाए गए खेजड़ो को इस तरह अंधेरगर्दी से कटवा रही है। समाजसेवी सहीराम पूनिया मिठडिय़ा ने कहा कि यदि सरकार नहीं मानी तो हम पूरी तैयारी करके सन 1730 के खेजड़ली के साकै (बलिदान)को दोहराएंगे ।रामकिशन बिश्रोई फलोदी ने कहा पेड़ बचेंगे तभी हमारा जीवन सुरक्षित रह पायेगा।जिले के पूर्व अवैतनिक वन्य जीव प्रतिपालक श्री राम मंडा ने कहा कि यदि सरकार नहीं मानी तो हम अपने प्राणों की बलि देने से भी नहीं हिचकेंगे ।इनके अलावा मणि शंकर सत्तासर, ओमप्रकाश, जेताराम मेघासर, गिरधारी लाल कूकणा ,नौरंगदेसर, दिल्लू खां कोहरी मोतीगढ़, अब्दुल मजीद दैया मुसेवाला, रामप्रताप वर्मा, उस्मान गनी, रामगोपाल बिश्नोई, संदीप खीचड़ ,मोतीराम सियाग मूलाराम नायक, सोमेश चौधरी ईसान कुलहरी, सौरभ कृष्णिया, विशाल चौधरी ,दिलीप कुमार, शिवदान मेघवाल, सज्जन कुमार, रेशम सिंह काहलो, मोहम्मद ताहिर खान, हरिराम शर्मा आदि धरने में  दिनभर डटे रहे।

 

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